ग्वालियर

दोपहर में भीम आर्मी के पदाधिकारी हाईकोर्ट पहुंच गए। यह नारेबाजी करते हुए पुलिस द्वारा लगाए बेरीकेड्स हटाकर आगे बढ़ने की कोशिश की। भीम आर्मी के पदाधिकारियों को थाना प्रभारी इला टंडन, दीप्ती तोमर, अजय पवार, रविंद्र जाटव, सीएसपी मनीष यादव, एएसपी कृष्ण लालचंदानी ने रोकने की कोशिश की।
दूसरी ओर से हाईकोर्ट के गेट के अंदर से वकीलों की भीड़ पुलिस का घेरा तोड़कर भीम आर्मी के पदाधिकारियों की तरफ बढ़ी। इसी बीच नारेबाजी कर रहे रुपेश केन से वकीलों की झूमाझटकी कर मारपीट कर दी। रुपेश सड़क पर गिर गए। पुलिस रुपेश को पड़ाव स्थित निजी अस्पताल में परीक्षण के लिए ले गई।
यहां रिपोर्ट सामान्य आने के बाद उन्हें जेएएच में परीक्षण कराने ले गए। जहां रात में रुपेश, गौरव व विशंभर ने आधा दर्जन से अधिक एक्सरे कराए, लेकिन सभी की रिपोर्ट सामान्य आई।
रुपेश का पुलिस रिकॉर्ड: रुपेश पर पुलिस रिकॉर्ड में डबरा थाने में 14, एक भोपाल में दर्ज मामले सहित 20 मामले दर्ज हैं। वहीं देररात भीम आर्मी के रूपेश केन अपने साथियों के साथ विश्वविद्यालय थाने में वकीलों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए धरने पर बैठे थे।
मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा लगाने के मामले में 19 मई को चर्चा होगी। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, ग्वालियर के पदाधिकारियों को जबलपुर बुलाया है। बार अध्यक्ष पवन पाठक ने बताया कि चीफ जस्टिस से बातचीत के लिए 18 को रवाना होंगे।
चीफ जस्टिस ने फोन पर बातचीत के दौरान इस बात को दोहराया कि बिना सहमति प्रतिमा नहीं लगाई जाएगी। दरअसल, 17 मई को चीफ जस्टिस के ग्वालियर आने की चर्चा थी। लेकिन व्यस्तता के चलते वे नहीं आ सके। ये भी बताया गया कि 20 मई को उनका विदाई समारोह आयोजित किया जा रहा है।
फुटेज देख कराएंगे जांच: एसएसपी धर्मवीर सिंह का कहना है कि वकील व भीम आर्मी के बीच हुए विवाद के बाद रुपेश केन व वकील गौरव व्यास की ओर से आवेदन विवि थाने में दिए गए हैं। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर मारपीट के आरोप लगाए हैं। पुलिस फुटेज के आधार पर जांच करेगी।