ग्वालियर

इस दौरान बृजेश के भाई बंटी ने थाना प्रभारी शिवम सिंह राजावत की कॉलर पकड़ ली, वर्दी फाड़ दी और हाथ में काट भी लिया। हालात ऐसे हो गए कि आरोपी को नीचे उतार लिया गया था, लेकिन थाना प्रभारी ने हिम्मत दिखाते हुए दोबारा उसे वाहन में बैठाया। कुछ देर बाद थाने से फोर्स पहुंचा और हमला करने वाले दो लोगों- बंटी और रामोतार परिहार को गिरफ्तार कर लिया गया। इनके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा और पुलिस पर हमला करने का केस दर्ज किया गया है।
थाना प्रभारी शिवम राजावत ने बताया,--हम आरोपी को जेएएच अस्पताल से लेकर थाने आ रहे थे, तभी उसके परिजन ने रास्ते में हमला कर दिया और आरोपी को छुड़ाने की कोशिश की। हमने उन्हें मौके पर ही पकड़ लिया।

बृजेश के साथ मनोज, मोनू, अरुण और सचिन को भी आरोपी बनाया गया है। सोमवार को बृजेश को जेएएच अस्पताल से छुट्टी मिलते ही पुलिस गिरफ्तार कर थाने ला रही थी।
थाना प्रभारी शिवम राजावत के साथ प्रधान आरक्षक प्रमोद रावत, अनिल शर्मा, हर्ष कुमार और मुकेश यादव पुलिस वाहन में थे। जैसे ही वह थाने के बाहर पहुंचे, वहां करीब 25 से 30 लोगों की भीड़ पहले से मौजूद थी। कुछ ही देर में बृजेश के भाई बंटी और रामोतार सामने आए और उसे जबरन छुड़ाने लगे।
उन्होंने पुलिस वाहन का गेट खोलकर बृजेश को उतार लिया। विरोध करने पर बंटी ने थाना प्रभारी से हाथापाई की, वर्दी फाड़ी और काट लिया, जिससे प्रभारी के चेहरे और हाथ पर भी चोटें आईं।
थाने से तुरंत फोर्स मौके पर पहुंचा और हमलावरों को काबू में किया। आरोपी बृजेश को दोबारा वाहन में बैठाकर हवालात ले जाया गया। हमला करने वालों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया गया है।
26 जून की रात पुलिस को सूचना मिली थी कि सौंसा रोड पर एक युवक को गोली लगी है। घायल बृजेश ने कुछ लोगों के नाम लिए थे, लेकिन पुलिस जांच में पता चला कि यह पूरी घटना फर्जी थी। बृजेश ने बदमाश सचिन के कहने पर खुद को गोली मारकर झूठा केस दर्ज कराया था। पुलिस ने मनोज नाम के युवक से पूछताछ की तो इस साजिश का पर्दाफाश हो गया।